Journalists receiving threats often have to flee their homes in a matter of a few hours. Conflicts, though, are often foreseeable and that’s why those in fragile regions should have an exit plan in place and crucial documents ready to go. We’ve listed what documents journalists should gather as well as which organizations support journalists with relocation.
From a film investigating the attempted murder of Russian opposition leader Alexey Navalny to a stark cautionary tale about how climate change is playing out on the Arctic coast, see the Oscar-nominated documentary shortlists.
চারিদিকে ব্যক্তিগত ডেটা হাতিয়ে নেওয়ার যত খবর আসছে, তাতে ডিজিটাল নিরাপত্তা নিয়ে সবারই কমবেশী শংকিত হওয়া উচিত। কিন্তু অনুসন্ধানী সাংবাদিকদের এই বিষয়ে সবচেয়ে বেশী মনোযোগ দেয়া দরকার। কারণ, তারা গোপন সোর্স আর স্পর্শকাতর তথ্য নিয়ে কাজ করেন। পড়ুন, তথ্যের সুরক্ষায় যে চারটি কৌশল আপনি এখনই নিতে পারেন।
दुनिया भर में पत्रकारों की असुरक्षा के आंकड़े काफी चिंताजनक हैं। ‘कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स‘ के अनुसार, 1992 से अब तक 1400 से अधिक पत्रकारों की हत्या कर दी गई। उनमें से 890 से अधिक पत्रकारों के किसी भी हत्यारे को कभी न्याय के कटघरे में लाया तक नहीं गया। दोषियों पर कार्रवाई नहीं किया जाना उन्हें ‘दंड से मुक्ति‘ देने के समान है। सौ खून माफ? यानी हत्यारों को ‘इम्प्यूनिटी‘ मिल गई। आज भी दुनिया भर में 274 से अधिक पत्रकार जेल में बंद हैं। यह समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। ताजा आंकड़े पत्रकारों पर हमलों और हत्याओं के नए रिकॉर्ड बना रहे हैं।
मैरी कॉल्विन और डेनियल पर्ल जैसे हाई प्रोफाइल पत्रकार भी हत्या का शिकार हुए हैं। लेकिन मरने वालों में अधिकांश पत्रकार स्थानीय मीडिया से जुड़े हैं। ऐसे आंकड़े असल सच्चाई की एक झलक मात्र हैं। पत्रकारों की पिटाई, अपहरण, कारावास और धमकियों की संख्या काफी अधिक है। उन्हें चुप कराने की कोशिशें भी बड़ी संख्या में हो रही हैं।
पत्रकारों को ख़तरा विभिन्न क़िस्म की ताक़तों से है। इनमें ड्रग माफिया, आतंकी समूह, निरंकुश सरकारें, जातीय शत्रु, उन्मादी और अराजक तत्व इत्यादि शामिल हैं। दुनिया में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कई संगठन सक्रिय हैं। इनमें अभिव्यक्ति की आजादी के पक्षधर प्रतिनिधि संगठनों के साथ ही ‘संयुक्त राष्ट्रसंघ‘ तथा ‘ऑर्गेनाइजेशन फाॅर सिक्यूरिटी एंड काॅ-ऑपरेशन इन यूरोप‘ शामिल हैं। ‘ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म नेटवर्क‘ की संसाधन श्रृंखला में हम पत्रकारों की सुरक्षा के लिए यह गाइड प्रकाशित कर रहे हैं। यहां कई प्रमुख गाइडों के लिंक प्रस्तुत हैं। साथ ही, प्रेस स्वतंत्रता पर सक्रिय प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों का विवरण भी दिया गया है।
संघर्ष कवरेज के दौरान पत्रकार अपनी सुरक्षा कैसे करें
What to Do When Authorities Raid Your Home:किसी पत्रकार के घर पर जब अधिकारी कोई छापामारी करें, तो क्या करना चाहिए, यह जानना जरूरी है। किसी भी सरकारी एजेंसी द्वारा छापेमारी के दौरान आपको कैसा व्यवहार करना चाहिए, यह समझने के लिए इस गाइड का उपयोग करें। अधिकारियों को जब यह बात समझ में आएगी कि आप अपने अधिकारों के बारे में जानते हैं, तो वे अधिक संयमित होंगे और ज्यादती करने से हिचकेंगे।
What to Do When You Or Your Sources Are Being Followed: जब आपका या आपके स्रोतों का पीछा किया जा रहा हो, तो क्या करना चाहिए। आपके खिलाफ जासूसी के मामलों से कैसे निपटें?
Speaking during GIJN’s Tips and Tools from Women Investigators webinar, reporters from Germany, Kenya, and Turkey recounted their experiences dealing with court injunctions, going undercover, and investigating under-reported stories.
The Internet of Things can pose many threats to journalists — at home, in the office, and in the field. To help us understand them, a cybersecurity researcher examines these threats across several categories along with real-world examples.
In an era when an investigative reporter’s contacts are often all stored on their smartphone or in the cloud, digital security best practices are paramount to protect your sources.
Freelance journalists are often on their own when it comes to security, both physical and digital, but there are many helpful resources. Help on many topics is available in the resources listed below, and even more are included in these GIJN resource pages:
Safety and Security
Digital Security
Legal Defense
Emergency Aid for Journalists
Working with Your Employer
A first safety step for freelancers should be to see what your publisher will do.
Increasingly, investigative journalists are being hacked, doxxed, harassed, and assaulted by external threats, so GIJN — with generous support from the Ford Foundation — is proud to launch a first-of-its-kind safety guide for newsrooms at GIJC21: the Journalist Security Assessment Tool (JSAT).
Female-identifying journalists often encounter obstacles, whether when they’re out reporting or even back in their newsrooms. GIJN has gathered resources for female-identifying journalists that want to connect, handle harassment, and address discrimination issues. We also provide advice and tips from great women investigative journalists that will serve as inspiration.