दुष्प्रचार की जांच के लिए कई और उपकरण हैं। ऑनलाइन हेराफेरी पर रिपोर्टिंग का दायरा लगातार बढ़ रहा है। जैसे-जैसे सोशल मीडिया कंपनियां विकसित होती हैं, उसके साथ हमारी पत्रकारिता भी विकसित होनी चाहिए। हमेशा नए तरीकों की तलाश करें। आपने यहां जो सीखा है, वह सिर्फ एक शुरुआत
दुनिया भर में पत्रकारों की असुरक्षा के आंकड़े काफी चिंताजनक हैं। ‘कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स‘ के अनुसार, 1992 से अब तक 1400 से अधिक पत्रकारों की हत्या कर दी गई। उनमें से 890 से अधिक पत्रकारों के किसी भी हत्यारे को कभी न्याय के कटघरे में लाया तक नहीं गया। दोषियों पर कार्रवाई नहीं किया जाना उन्हें ‘दंड से मुक्ति‘ देने के समान है। सौ खून माफ? यानी हत्यारों को ‘इम्प्यूनिटी‘ मिल गई। आज भी दुनिया भर में 274 से अधिक पत्रकार जेल में बंद हैं। यह समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। ताजा आंकड़े पत्रकारों पर हमलों और हत्याओं के नए रिकॉर्ड बना रहे हैं।
मैरी कॉल्विन और डेनियल पर्ल जैसे हाई प्रोफाइल पत्रकार भी हत्या का शिकार हुए हैं। लेकिन मरने वालों में अधिकांश पत्रकार स्थानीय मीडिया से जुड़े हैं। ऐसे आंकड़े असल सच्चाई की एक झलक मात्र हैं। पत्रकारों की पिटाई, अपहरण, कारावास और धमकियों की संख्या काफी अधिक है। उन्हें चुप कराने की कोशिशें भी बड़ी संख्या में हो रही हैं।
पत्रकारों को ख़तरा विभिन्न क़िस्म की ताक़तों से है। इनमें ड्रग माफिया, आतंकी समूह, निरंकुश सरकारें, जातीय शत्रु, उन्मादी और अराजक तत्व इत्यादि शामिल हैं। दुनिया में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कई संगठन सक्रिय हैं। इनमें अभिव्यक्ति की आजादी के पक्षधर प्रतिनिधि संगठनों के साथ ही ‘संयुक्त राष्ट्रसंघ‘ तथा ‘ऑर्गेनाइजेशन फाॅर सिक्यूरिटी एंड काॅ-ऑपरेशन इन यूरोप‘ शामिल हैं। ‘ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म नेटवर्क‘ की संसाधन श्रृंखला में हम पत्रकारों की सुरक्षा के लिए यह गाइड प्रकाशित कर रहे हैं। यहां कई प्रमुख गाइडों के लिंक प्रस्तुत हैं। साथ ही, प्रेस स्वतंत्रता पर सक्रिय प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों का विवरण भी दिया गया है।
संघर्ष कवरेज के दौरान पत्रकार अपनी सुरक्षा कैसे करें
What to Do When Authorities Raid Your Home:किसी पत्रकार के घर पर जब अधिकारी कोई छापामारी करें, तो क्या करना चाहिए, यह जानना जरूरी है। किसी भी सरकारी एजेंसी द्वारा छापेमारी के दौरान आपको कैसा व्यवहार करना चाहिए, यह समझने के लिए इस गाइड का उपयोग करें। अधिकारियों को जब यह बात समझ में आएगी कि आप अपने अधिकारों के बारे में जानते हैं, तो वे अधिक संयमित होंगे और ज्यादती करने से हिचकेंगे।
What to Do When You Or Your Sources Are Being Followed: जब आपका या आपके स्रोतों का पीछा किया जा रहा हो, तो क्या करना चाहिए। आपके खिलाफ जासूसी के मामलों से कैसे निपटें?
संवेदनशील इलाकों में रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकारों को तत्काल सुरक्षित वापस लौटने की योजना तैयार रखनी चाहिए। उनके पास आवश्यक महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हमेशा तैयार होने चाहिए। जरूरत पड़ने पर ऐसे दस्तावेज, पत्रकारों को यात्रा करने में मदद करेंगे। उन्हें सुरक्षित किसी क्षेत्र या देश में जाने संबंधी मदद मिल सकती है।
संचार का एक सुरक्षित साधन होना चाहिए। यह एक और तरीका है जिससे पत्रकार अपने स्रोतों की रक्षा कर सकते हैं। कभी-कभी स्रोत किसी ऐसे डिवाइस का उपयोग करते हैं, जिसकी उसके संस्थान द्वारा निगरानी होती हो। इसलिए अपनी सुरक्षा को खतरे में डाले बिना संवाद के लिए उन्हें ऐसे डिवास से दूर रहने की सलाह दें।
आधिकारिक डेटा नहीं मिल पाने तथा उपलब्ध डेटा विश्वसनीय नहीं होने के कारण दुनिया भर के न्यूजरूम अपना डेटाबेस बना रहे हैं। विभिन्न मीडिया संगठनों द्वारा एक रिपोर्टिंग या खोजी संसाधन के रूप में डेटोबेस बना जा रहा है। जब घटनाएं हो रही हों, और जब सूचना के विभिन्न स्रोतों को क्रॉस-चेक करना जरूरी हो, तब ऐसे डेटा-बेस काफी उपयोगी होते हैं।
आज के संदर्भ में यह विषय ज़्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि निजी कंपनियां और दमनकारी शासन दोनों ही पहले से कहीं अधिक प्रेस की स्वतंत्र अभिव्यक्ति को सीमित करने की कोशिश कर रहे हैं। पत्रकार जो कुछ भी करते हैं: ईमेल और टेक्स्ट संदेश भेजने से लेकर उनके पासवर्ड टाइप करने तक पर दमनकारी ताकतें नजर रखे हैं।