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छोटे मीडिया संगठनों के लिए छोटे अनुदान भी काफी मायने रखते हैं। इसलिए गूगल और फेसबुक से मिले अनुदान को व्यापक रूप से स्वीकार किया जा रहा है। जो मीडिया संगठन अपनी चुनी हुई सरकारों से टैक्स माफी स्वीकार करने से हिचकिचाते हैं, वे भी गूगल और फेसबुक का धन खुशी-खुशी लेते हैं। जबकि इन दोनों के पीछे बड़े पैमाने पर लॉबिंग करने वाली ताकतों और प्रभावशाली वर्ग के हित जुड़े हैं।

वर्ल्ड बैंक कोविड-19 महामारी में कितना पैसा किस-किस को दे रहा है, जानने के तरीक़े

विश्व बैंक की कई परियोजनाएं हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में यह गाइड “कोविड -19 फास्ट-ट्रैक सुविधा” से संबंधित है, जो मुख्य रूप से महामारी से निपटने के लिए आवश्यक खरीदारी की समर्थन देता है। इस परियोजना में लगभग 75 देश शामिल हैं।

विश्व बैंक के पास कोविड -19 इकोनॉमिक क्राइसिस एंड रिकवरी डेवलपमेंट पॉलिसी फाइनेंसिंग नामक एक अन्य परियोजना है। इससे 70 देशों को सहायता प्राप्त हो रही है। उनमें से कई फास्ट-ट्रैक प्रोग्राम से भी लाभान्वित होते हैं। इस परियोजना का पैसा मुख्य रूप से आर्थिक विकास के लिए है। उदाहरण के लिए, सरकारी परियोजनाओं का समर्थन करना या निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करना।