Global Investigative Journalism Network
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पत्रकारों की डिजिटल सुरक्षा बढ़ाने के लिए जीआइजेएन ने इस विषय पर संसाधन सामग्री जुटाकर यह गाइड तैयार की है। इस आलेख में पत्रकारों को इन खतरों के प्रति सचेत करते हुए डिजिटल सुरक्षा संबंधी तकनीक और उपायों की जानकारी दी जा रही है।
कोई भी जासूस आपकी निगरानी के लिए पहले से किसी स्थान की योजना तभी बना सकेगा, जब उसे आपका शेड्यूल मालूम हो। इसलिए अपना शेड्यूल हमेशा गोपनीय रखें। आप ‘सिग्नल‘ और ‘प्रोटॉनमेल‘ जैसे एन्क्रिप्टेड संचार प्लेटफॉर्म का उपयोग करें। अपने डिजिटल पासवर्ड पर दो-चरण प्रमाणीकरण का उपयोग करें। यदि आप डिजिटल सुरक्षा रखेंगे, तो किसी जासूस के पास आपके संचार और शेड्यूल की जानकारी नहीं होगी। तब वह पहले से कोई योजना नहीं बना सकेगा। ऐसे में वह सिर्फ आपकी शारीरिक गतिविधियों और परिवहन के अनुसार पीछा करने को मजबूर हैं।
यदि आप संवेदनशील सामग्री के साथ काम कर रहे हैं, तो आपकी रिकॉर्डिंग किसी को जोखिम में डाल सकती हैं। उनके सार्वजनिक होने या अधिकारियों तक पहुंचने पर आपके स्रोत तथा अन्य लोगों को खतरा है। इसलिए, हमारा सुझाव है कि उस डेटा तक किसकी पहुंच हो, इस पर आपको नियंत्रण रखना होगा। यदि आप किसी संपादक के साथ या किसी एसाइनमेंट के तहत काम कर रहे हैं, और आपकी रिकॉर्डिंग विशेष रूप से संवेदनशील है, तो रिकॉर्डिंग की सुरक्षा के कारण हस्तलिखित ट्रांसक्रिप्शन पर जोर दें। इसके लिए अपने संपादक से सहायता मांगें।