सरकारों द्वारा ‘जासूसी तकनीक’ खरीद प्रकरणों पर रिपोर्टिंग कैसे करें?

गोपनीय जासूसी या निगरानी उपकरणों का यह कारोबार अरबों रूपयों का है। इस धंधे में दर्जनों तकनीकी फर्मों और सरकारों के बीच गुप्त सौदे शामिल हैं। यह मानवाधिकारों और गोपनीयता के लिए खतरनाक है। इसके कारण पत्रकारों को अपने गोपनीय स्रोतों की रक्षा करना भी मुश्किल हो सकता है। खोजी पत्रकार कैसे पता लगाएं कि कोई सरकारें कौन-सी गुप्त जासूस तकनीकें खरीद रही हैं? क्या सरकार उन डिजिटल उपकरणों का दुरुपयोग करके दमन या भेदभाव कर रही है?

आपकी जासूसी या पीछा किया जा रहा है तो क्या करें?

कोई भी जासूस आपकी निगरानी के लिए पहले से किसी स्थान की योजना तभी बना सकेगा, जब उसे आपका शेड्यूल मालूम हो। इसलिए अपना शेड्यूल हमेशा गोपनीय रखें। आप ‘सिग्नल‘ और ‘प्रोटॉनमेल‘ जैसे एन्क्रिप्टेड संचार प्लेटफॉर्म का उपयोग करें। अपने डिजिटल पासवर्ड पर दो-चरण प्रमाणीकरण का उपयोग करें। यदि आप डिजिटल सुरक्षा रखेंगे, तो किसी जासूस के पास आपके संचार और शेड्यूल की जानकारी नहीं होगी। तब वह पहले से कोई योजना नहीं बना सकेगा। ऐसे में वह सिर्फ आपकी शारीरिक गतिविधियों और परिवहन के अनुसार पीछा करने को मजबूर हैं।

सर्विलांस से निरंकुश निगरानी, 2021 की पांच बेहतरीन खोजी ख़बरें

ऐसी निगरानी के काफी खतरनाक परिणाम सामने आ रहे हैं। ऐसे उपकरणों की सूची लंबी है। सीमा पार करने के दौरान चेहरे की पहचान के उपकरण लगे हैं। रेगिस्तान पार करने वाले लोगों को ड्रोन और ब्लिंप द्वारा ऊपर से देखा जा रहा है। भूमिगत सेंसर के जरिए लोगों के आवागमन का पता लगाया जा रहा है। इन्फ्रा-रेड कैमरा, रडार सेंसर, मोबाइल सर्विलांस टावर इत्यादि का भरपूर उपयोग हो रहा है।

विमानों की गोपनीय उड़ानों पर नजर कैसे रखें: GIJN गाइड

हवाई जहाजों की उड़ान के शुरुआती दिनों से लेकर आज भी शौकिया ‘प्लेन स्पॉटर‘ लोगों की अच्छी-खासी संख्या है। ये लोग दूरबीन और कैमरों के साथ हवाई अड्डों के पास जाकर विमान देखने का आनंद लेते हैं। इस दौरान वे विमानों और उनके पहचान चिह्नों (टेल नंबर) की फोटो लेते हैं। कुछ शौकिया लोग तो विमानों की आवाजाही की तारीख और समय का लॉग-बुक भी बनाते हैं। इन्हें ‘एमेच्योर प्लेन स्पॉटर‘ कहा जाता है। सभी विमानों में कुछ खास पहचान चिह्न (टेल नंबर) होते हैं। इसमें कुछ अंक और अक्षर होते हैं। पंजीकरण किस देश में हुआ, इसका कोड भी होता है। इसे विमान के पिछले हिस्से में कम-से-कम बारह इंच ऊंचे अक्षरों में लिखा जाता है ताकि आसानी से दिख जाए।