पत्रकार खोजी खबरों की फ़ैक्ट चैकिंग कैसे करें?

आप पीड़ितों पर चाहे जितना भी विश्वास करते हों, लेकिन सत्यापन के बगैर उनकी किसी बात को ‘तथ्य‘ के रूप में न लें। उनकी बातों की प्रस्तुति के तरीके में भी सावधानी बरतें। जैसे- अगर आप लिखते हैं, कि ‘उसे कुछ भी याद नहीं है‘ तो यह आपकी ओर से कही गई बात होगी।