सत्र गुरुवार, 26 जनवरी को शाम 6.30pm (IST) होगा। प्रशिक्षक मैट हैनसेन (फ्रीलांस लेखक और संपादक), रूना सैंडविक (स्वतंत्र सुरक्षा शोधकर्ता), पूनम अग्रवाल (स्वतंत्र पत्रकार, भारत), उमेर चीमा (द न्यूज, पाकिस्तान) होंगे। प्रतिभागियों (केवल पत्रकारों!) को इस लिंक का उपयोग करके अग्रिम रूप से पंजीकरण करना होगा। सत्र में आप अपनी सुरक्षा से जुड़े प्रश्न करने के लिए स्वतंत्र हैं।
ग्लोबल इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म नेटवर्क की ओर से सभी पाठकों और खोजी पत्रकारों को नये साल की शुभकामनाएँ। ये साल 2023 दुनिया में और ज़्यादा पारदर्शी व्यवस्थाओं को मज़बूत करे, इस विश्वास के साथ खोजी पत्रकारों को सहयोग करने के लिए हम तैयार हैं।
जीआईजेएन के निदेशक मंडल के अध्यक्ष ब्रैंट ह्यूस्टन ने कहा, “डेव ने जीआईजेएन को दुनिया भर में खोजी पत्रकारों के प्रशिक्षण और नेटवर्किंग के लिए प्रमुख संगठन के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” “उनके अथक प्रयासों के माध्यम से, हमने 90 देशों में 244 मीडिया से संबंधित गैर-लाभकारी संस्थाओं का एक संघ बनाया है जो न केवल विचारों, संसाधनों, कहानियों को साझा करते हैं बल्कि प्रणालीगत भ्रष्टाचार को उजागर करने तथा दुनिया को और बेहतर बनाने का जुनून रखते हैं।”
मुझे लगता है कि रियली सिंपल सिंडिकेशन (आरएसएस) तकनीक के महत्व को इंटरनेट पर सबसे कम समझा गया है। मैं प्रतिदिन आरएसएस फीड्स का उपयोग करती हूँ और मैं उनके बिना ‘रिसर्च-बज‘ का प्रोडक्शन नहीं कर सकती। बिंग, गूगल न्यूज, रेडिफ और वर्डप्रेस सहित लगभग एक दर्जन संसाधनों के लिए केबरफेग के जरिए कीवर्ड-आधारित आरएसएस फीड उत्पन्न किया जा सकता है।
इस वर्ष का सम्मेलन, जीआईजेएन दो स्वीडिश भागीदारों के साथ मिलकर कर रहा है। लिनिअस विश्वविद्यालय में फोजो मीडिया इंस्टीट्यूट और स्वीडन के खोजी पत्रकारों का राष्ट्रीय संघ फ़ोरिनिंगन ग्रेवंडे जर्नलिस्टर इस बार सम्मेलन के मेज़बान हैं।
यह सम्मेलन अपने दूरस्थ सहयोगियों के साथ नेटवर्क बनाने और सहयोग करने का अद्भुत अवसर देते हैं। यहां आप खोजी पत्रकारिता की सर्वश्रेष्ठ विधाओं को सीख सकते हैं और कौशल और नवीनतम उपकरणों और तकनीकों के साथ घर लौट सकते हैं।
चुनावी रिपोर्टिंग के दौरान नए-नए प्रश्नों पर विचार करने के लिए कई प्रकार के वैश्विक और स्थानीय डेटाबेस काफी उपयोगी होते हैं। विभिन्न चीजों के बीच संबंध तलाशने और तथ्यों की जांच करने के लिए यह उत्कृष्ट संसाधन हैं। इस गाइड के आगामी अध्यायों में हम ऐसे कई उपयोगी डेटासेट साझा करेंगे।
समय के साथ तस्वीरों का आकार बदलता रहता है। तस्वीर बनाने की रासायनिक प्रक्रिया में भी बदलाव आता है। इसके आधार पर ‘ग्राफिक्स एटलस’ जैसी वेबसाइट किसी फोटो की एक समय अवधि बताने में मदद कर सकती हैं।