ग्लोबल वार्मिंग आज दुनिया भर के लिए एक बड़ी चुनौती है। क्या आपकी सरकार इससे लड़ने के अपने वादों पर खरा उतर रही है? एक खोजी पत्रकार के लिए इस विषय को अच्छी तरह समझना और इसकी कसौटी पर अपनी सरकार को जवाबदेह बनाते हुए खोजी रिपोर्टिंग करना बेहद महत्वपूर्ण है।
जलवायु परिवर्तन पर अंतर्राष्ट्रीय प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए हर देश एक निर्धारित शपथ या प्रतिज्ञा लेता है। हर देश के लिए यह स्वैच्छिक प्रतिबद्धता होती है। हरेक देश और सरकार किस हद तक इसका अनुपालन कर रही है, यह जानना एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
आपके देश की सरकार जलवायु परिवर्तन शपथ का किस हद तक अनुपालन कर रही है? इसे उजागर करने में खोजी पत्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
GIJN के इस संक्षिप्त गाइड में निम्नांकित जानकारी दी गई है-
- जलवायु परिवर्तन पर आपकी सरकार की प्रतिबद्धताओं की जानकारी कैसे मिलेगी?
- अपने देश के वास्तविक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के बारे में कैसे पता करें?
- जलवायु परिवर्तन के कारण आपके देश को किस प्रकार की वित्तीय सहायता की आवश्यकता है? इसकी जांच कैसे करें?
- विकसित देशों ने इस मामले में विकासशील देशों को किस तरह की मदद वित्तीय सहायता का आश्वासन दिया है? इसकी जानकारी कैसे मिलेगी?
सरकारी दस्तावेजों से ऐसी कई जाँच के लिए आपको महत्वपूर्ण शुरुआती बिंदु मिल सकते हैं।
आपके देश ने जलवायु परिवर्तन मामले में कई प्रकार की राष्ट्रीय शपथ ले रखी होगी। इनमें कई विषय शामिल होते हैं। प्रत्येक शपथ की अलग जांच करके आप शानदार खोजी रिपोर्टिंग कर सकते हैं।
इस विषय पर जीआईजेएन द्वारा एक विस्तृत गाइड तैयार किया गया है। उसमें काफी अधिक विवरण शामिल हैं। यह उस गाइड का संक्षिप्त संस्करण है।
प्रारंभिक बिंदु
जलवायु परिवर्तन पर आपके देश की शपथ देखने का मुख्य स्थान है – यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) ( United Nations Framework Convention on Climate Change) के अंतर्गत उपलब्ध दस्तावेज।
इन दस्तावेजों के आधार पर आपको कई अच्छी न्यूज़ स्टोरीज मिल सकती हैं। जैसे:
- क्या लक्ष्य काफी महत्वाकांक्षी हैं?
- प्राथमिकताओं और कार्यान्वयन नीतियों को किसने प्रभावित किया?
- क्या लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त एवं समुचित योजनाएं हैं?
- क्या वादे पूरे हो रहे हैं?
वास्तविकता की जानकारी उत्सर्जन डेटा के प्रवाह की स्थिति से मिलेगी। उस पर विस्तृत चर्चा आगे की जाएगी।
राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को समझना
प्रत्येक देश की स्वैच्छिक प्रतिज्ञाओं का वर्णन करने वाले मूल दस्तावेज़ को ‘नेशनली डिटरमाइंड कॉन्ट्रिब्यूशन’ (एनडीसी) कहा जाता है। जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते में 194 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से प्रत्येक देश ने कम-से-कम एक एनडीसी प्रस्तुत किया है। इन्हें UNFCCC में सूचीबद्ध किया गया है ।
एनडीसी रजिस्ट्री में अपने देश के दस्तावेज़ खोजें। नवीनतम दस्तावेजों की जानकारी के लिए आप आरएसएस फ़ीड हेतु साइन-अप कर सकते हैं ।
प्रत्येक देश द्वारा प्रस्तुत एनडीसी में निम्नलिखित विवरण शामिल हैं:
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने संबधी लक्ष्य
- क्षेत्र-विशिष्ट शमन लक्ष्य
- लक्ष्य पाने संबंधी योजनाएँ
सभी देशों को अपने एनडीसी को अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। लेकिन अधिकांश देशों ने ऐसा नहीं किया है। UNFCCC (COP27) से जुड़े देशों के यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस, 2022 में सबको अगली बैठक (नवंबर – दिसंबर 2023) से पहले अपने नए या अद्यतन एनडीसी प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया था। सभी देशों से यह भी अनुरोध किया गया कि लक्ष्यों को वर्ष 2030 तक हासिल करने के आलोक में अपने एनडीसी को सुदृढ़ करें।
एनडीसी का अगला बड़ा दौर 2025 में आएगा। COP30 से कम-से-कम नौ महीने पहले इन्हें प्रस्तुत करना होगा। इसके तहत सभी देशों को 2031-2035 से आगे की पांच साल की अवधि को लेकर विचार करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। कोई देश चाहे तो इससे भी लंबे समय की योजना पर विचार कर सकता है। इसलिए एनडीसी में प्रस्तुत समय अवधि अलग-अलग हो सकती है।
विकासशील देशों की जरूरत की पहचान करें
विकासशील देशों द्वारा प्रस्तुत एक अन्य मूलभूत दस्तावेज भी खोजी पत्रकारों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
विकासशील देश अपनी मध्यम और दीर्घकालिक अनुकूलन आवश्यकताओं और उनसे निपटने के लिए रणनीति बनाते हैं। इसे ‘नेशनल अडेप्शन प्लान’ (एनएपी) कहा जाता है। यूएनएफसीसीसी की वेबसाइट पर आप 40 एनएपी के लिंक देख सकते हैं। यूएनईपी की वेबसाइट पर भी एनएपी के बारे में प्रेस विज्ञप्ति शेयर की जाती है।
किसी देश की योजनाओं का मूल्यांकन
सरकारी योजनाओं की मूल बातों और उनकी समीक्षा में पत्रकारों को महत्वपूर्ण संसाधन मिलते हैं। यहां कुछ स्वयंसेवी संगठनों के संसाधनों की सूची दी गई है। इनमें एनडीसी पर बारीकी से नजर रखी जाती है:
- द इंटरनेशनल इनर्जी एजेंसी (The International Energy Agency)
- क्लाइमेट एक्शन ट्रैकर (Climate Action Tracker)
- क्लाइमेट वॉच (Climate Watch)
- क्लाइमेट स्कोरकार्ड (Climate Scorecard)
- क्लाइमेट ट्रांसपेरेंसी (Climate Transparency)
- प्लेज पाइपलाइन (Pledge Pipeline)
- एनडीसी एक्सप्लोरर (NDC Explorer)
- आईएमएफ क्लाइमेट चेंज डैशबोर्ड (IMF Climate Change Dashboard)
- अफ्रीका नेशनली डिटरमाइंड कॉन्ट्रिब्यूशन्स (एनडीसी) हब (Africa Nationally Determined Contributions (NDC) Hub)
- क्लाइमेट पॉलिसी डेटाबेस (Climate Policy Database)
(इन सभी का पूरा विवरण जीआईजेएन के विस्तृत गाइड में उपलब्ध है।)
उत्सर्जन डेटा कहाँ मिलेगा?
विभिन्न देशों के द्वारा अपने देश की ‘उत्सर्जन रिपोर्ट’ समय-समय पर यूएनएफसीसीसी को भेजी जाती है। जरूरी नहीं कि यह एनडीसी में शामिल हो। लेकिन यह एक आधिकारिक डेटा है। इसमें खोजी पत्रकारों को काफी जानकारी मिल सकती है। इन रिपोर्टों में निम्नलिखित जानकारी शामिल होती है :
- ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन
- उत्सर्जन को कम करने के लिए की गई कार्रवाई
- जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होने के लिए कदम
- जलवायु परिवर्तन से सर्वाधिक प्रभावित देशों को दी गई सहायता
यूएनएफसीसीसी द्वारा सभी देशों की इन रिपोर्टों की समीक्षा की जाती है। इसलिए उस समीक्षा में आपको पर्याप्त और सटीक अंतर्दृष्टि मिल सकती है। इस संबंध में और जानकारी नीचे दी जाएगी।
जटिलता के लिए तैयार रहें। सामान्य व्यक्ति के लिए इन सरकारी रिपोर्टों को पढ़ना और समझना आसान नहीं है। ऐसी रिपोर्ट में बहुत सारे आंकड़े होते हैं। इनकी भाषा नौकरशाही और वैज्ञानिक शब्दजाल के कारण जटिल हो सकती है। इसलिए इन्हें अच्छी तरह समझने के लिए किसी विशेषज्ञ की मदद लें। किसी वैज्ञानिक, जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता या सरकारी विशेषज्ञ से आपको डेटा की व्याख्या में मदद मिल सकती है।
यूएनएफसीसीसी विभिन्न देशों के जीएचजी इन्वेंट्री डेटा का विश्लेषण भी करती है। इसमें कई विकल्पों के साथ सारांश तैयार किया जाता है। उदाहरण के लिए, ग्रीनहाउस गैस इन्वेंट्री डेटा काफी उपयोगी है। आप इसमें कई तरह से डेटा की सर्च कर सकते हैं। देश के आधार पर, या उत्सर्जन के प्रकार, वर्ष, उद्योग इत्यादि आधार पर। इसमें और भी बहुत कुछ खोजा जा सकता है।
यूएनएफसीसीसी में रिपोर्टिंग की इस व्यवस्था में क्रमशः एकरूपता आना जारी है। द्वि-वार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट 2024 के अंत तक देय नहीं हैं। इस बीच विभिन्न देशों की सरकारें रिपोर्ट प्रस्तुत कर रही हैं। हरेक देश के विकास के स्तर से अनुसार उनकी रिपोर्ट के प्रकार और सामग्री में फर्क होता है। (यूएनएफसीसीसी विवरण देखें)
विभिन्न देशों की रिपोर्ट कहाँ मिलेगी, इसका विवरण निम्नलिखित है।
प्रमुख रिपोर्ट्स और दस्तावेजों पर एक नजर
विकासशील देशों की तुलना में विकसित देश अपनी रिपोर्ट्स अधिक बार और अधिक विस्तृत प्रस्तुत करते हैं।
43 तथाकथित विकसित देशों (एनेक्सचर-वन में सूचीबद्ध) की रिपोर्ट्स इस प्रकार होती हैं:
- नेशनल इन्वेंटरी रिपोर्ट्स (NIRs) (National Inventory Reports), सालाना, 15 अप्रैल, 2023 तक देय।
- हर दो साल में प्रस्तुत होने वाली द्वि-वार्षिक रिपोर्ट (बीआर)। एनेक्सचर-वन में शामिल 43 विकसित देशों का एक उपसमूह अपनी द्वि-वार्षिक रिपोर्ट में बताता है कि उन विकसित देशों को क्या सहायता प्रदान की गई।
एनेक्सचर-टू में शामिल देश अनुसूची एक का उपसमूह हैं। उनपर यह दायित्व है कि कन्वेंशन के निर्णय के आलोक में विकासशील देशों को उत्सर्जन में कमी लाने संबंधित गतिविधियों को शुरू करने और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के अनुकूल होने में मदद करने के लिए वित्तीय संसाधन प्रदान करें।”
शेष 151 विकासशील देशों (नन-एनेक्सचर) की रिपोर्ट्स इस प्रकार होती हैं:
- द्वि-वार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (बीयूआर)। वर्ष 2014 से प्रत्येक दूसरे वर्ष इसे प्रस्तुत करना है। सम-संख्या वाले वर्षों के दिसंबर माह तक यह रिपोर्ट देय हैं। लेकिन कुछ देशों ने केवल 2022 में अपनी पहली द्वि-वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
यूएनएफसीसीसी के विभिन्न देशों को अलग-अलग रंगों में दिखाया गया है। केवल एनेक्सचर वन के देश नीले रंग में। एनेक्सचर वन और टू के देश हरे रंग में। नन-एनेक्सचर देश नारंगी रंग में। इमेज: क्रिएटिव कॉमन्स
देशों की रिपोर्ट की यूएनएफसीसीसी समीक्षा
देशों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट्स को यूएनएफसीसीसी द्वारा समीक्षा की जाती है। इस अवलोकन प्रक्रिया के दौरान विशेषज्ञ हरेक रिपोर्ट की पूर्णता और पारदर्शिता दोनों की जाँच करते हैं।
खोजी पत्रकारों के लिए ऐसी समीक्षा और मूल्यांकन काफी उपयोगी हैं। इनमें हर देश की राष्ट्रीय रिपोर्ट की कमियों का विवरण मिल जाएगा। ऐसी रिपोर्टें कच्चे माल के एक उपयोगी स्रोत के रूप में काम करती हैं। इसमें जलवायु परिवर्तन पर सरकार की योजनाओं का एक अच्छा सारांश भी शामिल है। ध्यान रहे कि ऐसी समीक्षा के जरिये मूल्यांकनकर्ता किसी देश के प्रयासों की सटीकता की जांच करते हैं, किसी देश की आलोचना नहीं कर रहे होते हैं। एनेक्सचर-वन देशों की यह तकनीकी समीक्षाएँ विश्लेषण करने के लायक हैं।
इसके अलावा, प्रत्येक विकसित देश के लिए एक बहुपक्षीय मूल्यांकन किया जाता है। यह एक विशेषज्ञ समीक्षा के साथ शुरू होता है। फिर देशों को एक दूसरे से सवाल करने का अवसर प्रदान करता है। समग्र प्रक्रिया को “अंतर्राष्ट्रीय मूल्यांकन और समीक्षा” के रूप में जाना जाता है।
राष्ट्रीय उत्सर्जन डेटा के वैकल्पिक स्रोत
सरकारें अपने देश के उत्सर्जन पर डेटा प्रदान करती हैं। इनके अलावा विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा भी ऐसा डेटा सार्वजनिक किया जाता है। इसलिए खोजी पत्रकारों के लिए ऐसे वैकल्पिक डेटा भी उपयोगी हैं।
वैकल्पिक आंकड़े इन जगहों पर मिल सकते हैं:
- द इंटरनेशनल इनर्जी एजेंसी (The International Energy Agency)
- ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट (GCP) (Global Carbon Project (GCP))
- क्लाइमेट वॉच (Climate Watch)
- एडगर (EDGAR)
साथ ही, नए अकादमिक शोध (academic research) पर भी नजर रखें। वैज्ञानिक आधिकारिक उत्सर्जन डेटा का लगातार विश्लेषण कर रहे हैं। कई बार वे अपना डेटा उपलब्ध कराते हैं।
किसी देश का अद्यतन डेटा कहाँ मिलेगा?
संयुक्त राष्ट्र को सभी देश अपनी रिपोर्ट वार्षिक या द्वि-वार्षिक भेजते हैं। इसलिए एक तार्किक प्रश्न यह है कि अगर हम किसी देश के ताजा डेटा देखना चाहें, तो कहां उपलब्ध हैं?
कुछ विकसित देशों के अधिक आवधिक आंकड़े उपलब्ध हो सकते हैं। हमारी विस्तृत GIJN मार्गदर्शिका में ऐसी अद्यतन जानकारी प्राप्त करने के लिए कुछ स्थानों की सूची दी गई है। दुर्भाग्यवश, कई देशों का बहुत कम राष्ट्रीय उत्सर्जन डेटा नियमित रूप से उपलब्ध है। डेटा की इस कमी और इसकी सटीकता पर भी खोजी रिपोर्टिंग की जा सकती है।
विकासशील देशों को विशेष चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उत्सर्जन रिपोर्टिंग की मांग कभी-कभी उनकी क्षमता से अधिक हो जाती है। इसके अलावा, उनके लिए जलवायु परिवर्तन की लागतों की गणना करना महत्वपूर्ण है।
इन मुद्दों के आधार पर खोजी पत्रकारों को क्लाइमेट चेंज से जुड़े विषयों की राष्ट्रीय रिपोर्टिंग का अवसर मिलता है। जीआइजेएन के विस्तृत गाइड में इस क्षेत्र में कुछ अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं की जानकारी दी गई है। जैसे, इनिशिएटिव फॉर क्लाइमेट एक्शन ट्रांसपेरेंसी (ICAT) Initiative for Climate Action Transparency (ICAT) ।
डेटा गुणवत्ता के बारे में ऐसी स्टोरीज नीरस लग सकती हैं। लेकिन उनमें नीतिगत निर्णय को प्रभावित करने और महत्वपूर्ण जानकारी में सुधार करने की क्षमता है। यूएनईपी कोपेनहेगन क्लाइमेट सेंटर के संचार अधिकारी लेसे हेमिंग्सन कहते हैं- “यदि आपके पास डेटा नहीं है, या डेटा विश्वसनीय नहीं है, तो आप नहीं जानते कि क्या चीज कारगर है।”
शब्दकोष
जलवायु परिवर्तन का यह परिदृश्य में कई प्रकार की विनियामक शर्तों, रिपोर्टों और संक्षिप्त शब्द का उपयोग होता है। इसलिए हमने ज्यादा उपयोग में आने वाले ऐसे शब्दों और वस्तुओं को समझाते हुए एक खंड बनाया है। इस विषय पर शोध करते समय खोजी पत्रकारों के लिए यह शब्दकोश काफी उपयोगी होगा।
टॉबी मैकिंटोश जीआईजेएन रिसोर्स सेंटर के वरिष्ठ सलाहकार हैं, जो दुनिया भर के पत्रकारों को ऑनलाइन संसाधन प्रदान करता है। वह फ़्रीडमइन्फो डॉट ओआरजी, (2010-2017) के संपादक रह चुके हैं जो वाशिंगटन, डीसी में स्थित एक गैर-लाभकारी वेबसाइट है जो अंतर्राष्ट्रीय पारदर्शिता कानूनों को कवर करती है। वह 39 वर्षों के लिए ब्लूमबर्ग बीएनए के साथ थे। उन्होंने कई यूएस फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन अनुरोध दायर किए हैं और दुनिया भर के सूचना का अधिकार संबंधी कानूनों के बारे में लिखा है। वह एफओआईएनेट के संचालन समिति के सदस्य हैं, जो एफओआई अधिवक्ताओं का एक नेटवर्क है।