फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन पर GIJN की ग्लोबल गाइड: FOI टिप्स एंड ट्रिक्स

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सूचना की स्वतंत्रता (फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन) के हर पहलू को समझने  के लिए GIJN एक विशेष सीरीज प्रकाशित कर रहा है। ‘फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन’  पर GIJN की ग्लोबल गाइड’। दुनिया भर के विशेषज्ञों की सलाह को ‘एफओआई टिप्स एंड ट्रिक्स’ में शामिल किया गया है। तीन अंकों की सीरीज का यह पहला भाग है।

यह कोई भी नहीं कह सकता कि सूचना के अधिकार का प्रयोग आसान है और हमेशा अपेक्षित परिणाम देता है। फिर भी इसके इस्तेमाल से मिलने वाले नतीजे बहुत सकारात्मक हो सकते हैं। एफओआई (फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन) का इस्तेमाल कर अपनी चुनौतियों को आसान बनाने वाले ऐसे ही कुछ लोगों ने अपने अनुभव यहां शेयर किए हैं।

एफओआई पर एक सामान्य और सर्वमान्य सलाह देना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि इनका दायरा काफी विस्तृत है। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि अनुभवी पत्रकारों और एफओआई विशेषज्ञों की टिप्स शीट में काफी कुछ समानता है।

जीआईजेएन ने एफओआई पर भारत, मैक्सिको, स्विट्जरलैंड, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के पत्रकारों और शोधकर्ताओं के कई रोडमैप की जांच की। इस जांच में आठ बेहद अहम बातें सामने आईं। इन आठ बिंदुओं को यहां बताया जा रहा है। इनके अलावा पत्रकारों और शोधकर्ताओं की अपनी लिस्ट भी हैं, साथ ही ऐसे लिंक भी हैं जो आपको उनकी बातों के विस्तार में ले जायेंगे, जिसमें एफओआई ट्रेड और ट्रिक्स शामिल हैं।

जीआईजेएन के 8  टिप्सः

  1. आगे की योजना बनाएं: आप क्या चाहते हैं, इसका पता लगाएं।-सभी विषय विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया है कि एडवांस रिसर्च बहुत जरूरी है।
  2. सभी ओर नजर रखें अन्य विकल्प भी तलाशें, आधिकारिक स्रोत तक पहुंचने से पहले अनौपचारिक स्रोतों से भी चर्चा करें।
  3. प्लॉट: यह समझने की कोशिश करें कि जानकारी कहां से मिलेगी। – सिर्फ यह जरुरी नहीं कि आप क्या सूचना चाहते हैं, बल्कि यह भी जानना ज़रूरी है कि शासकीय स्तर पर सूचना कहाँ उपलब्ध हो सकती है?
  4. तैयारी करें: कानून के बारे में जानें:  आपके द्वारा उपयोग किए जा रहे कानून का अध्ययन करें। उदाहरण के लिए: क्या फीस हो सकती है? उत्तर के लिए समय-सीमा क्या है? आपके अधिकार क्या हैं?
  5. सटीक सवाल करेंः सभी विशेषज्ञों और अनुभवी पत्रकारों का मानना है कि किये गए सवाल बहुत सटीक होने चाहिए। सवालों की अस्पष्टता आपके खिलाफ जा सकती है। सवाल जितने सटीक होंगे उनके जवाब भी उतनी ही जल्दी मिलने की संभावना होती है। इससे काम में तेजी आती है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि बड़े-बड़े सवालों को भी बहुत छोटे तरीके से पूछने से चीजें आसान हो जाती है। जैसे- अगर आप कहेंगे कि सवाल अपनी जगह हैं आप तो मुझे सारी जानकारी दे दें,  तो यह प्रभावी या कुशल तरीका नहीं है। कई बार आपके सवाल पूछने का तरीका अगर गलत है तो आपको उचित जानकारी मिलना मुश्किल हो जाएगी। इसलिए सवाल सटीक और सरल भाषा में होने चाहिए। जैसे- आप किसी विभाग में पूछते हैं कि निदेशक क्या करते हैं ? सही सवाल नहीं है। सही सवाल है कि  “कृपया आपके संस्थान के निदेशक का कार्य विवरण प्रदान करें।”
  6. प्ले द गेम: फॉलोअप बहुत जरूरी और फायदेमंद साबित होता है। एक बार सवाल पूछने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आप यह प्रतीक्षा न करें कि जवाब आ ही जाएगा। लगातार फॉलोअप लीजिये। तभी उचित परिणाम सामने आएंगे। जिम्मेदार अधिकारियों के संपर्क में रहें, संभव हो तो मैत्रीपूर्ण रहें। इस दौरान धैर्य और दृढ़ता आवश्यक है।
  7. अपील: जरूर कीजिये। सवालों का जवाब देने से इनकार करना आम है, इसलिए इसके लिए तैयार रहें। अपील करने की अनुशंसा करते रहे है, भले ही आप नहीं कर सकते हैं।
  8. प्रकाशित करें: झिझके नहीं। शुरुआत से अपने अनुरोधों के बारे में लिखें। जीत या हार, जो भी परिणाम की रिपोर्ट जरूर करें।

टिप शीट्स

दुनिया भर के पत्रकारों ने एफओआई पर एडवाइजरी कॉलम लिखे हैं। यहां हम आपको भारत, मैक्सिको, स्विट्जरलैंड, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका से संपादित संस्करण प्रस्तुत कर रहे हैं। GIJN ने उन्हें बुलेट पॉइंट्स में पेश किया है। GIJN  इन आर्टिकल्स को गहराई से पूरा पढ़ने की सलाह देता है जिससे ये और स्पष्ट और ज्ञानवर्धक साबित हों।

मैक्सिकन पत्रकार अलेजांद्रा ज़ानिक वॉन बर्टब लिखते हैं कि, यह पत्रकारिता के लिए सबसे बेहतर है। लगता है कि आप कुछ अच्छा कर रहे हैं।

वहीं, भारतीय एक्टिविस्ट सीजे करैरा उत्साह से कहते हैं कि, अगर आवेदक आरटीआई अधिनियम 2005 की मूल बातें जानता है जैसे आवेदन कैसे करना है, किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण के अधिकारी से जानकारी के लिए अनुरोध कैसे करना है, यह सब उसे दूसरों से अलग और परिपक्व बनाता है।

भारत 

सीजे करैरा: RTI भारत

सीजे करैरा की Guide to Drafting a Good RTI Application “गाइड टू अ गुड आरटीआई एप्लीकेशन “ ,आरटीआई इंडिया द्वारा प्रकाशित की गई है। इसमें करैरा लिखते हैं कि एक अच्छा आरटीआई आवेदन तैयार करना एक साधारण अवकाश पत्र लिखने जितना आसान हो सकता है। अगर आवेदक आरटीआई अधिनियम 2005 की मूल बातें जानता है, तब आवेदन कैसे करना है, किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण के अधिकारी से जानकारी के लिए अनुरोध कैसे करना है, तो उसके लिए रास्ता आसान हो जाता है।

  • आवश्यक शर्ते।
  • एक आरटीआई का मसौदा तैयार करना।
  • आपको जानकारी क्यों चाहिए ?
  • एक बार जानकारी मिलने के बाद आप क्या करेंगे?
  • केवल “जानकारी के लिए पूछें!”
  • “जानकारी” पूछने में स्पष्ट रहें और अस्पष्ट अभिव्यक्तियों और अनुरोधों से बचें।
  • आरटीआई आवेदन की लम्बाई सीमित होना चाहिए? अपने आवेदन को बहुत लंबा न करें।
  • वह अवधि जरूर बताए, जिसके लिए जानकारी मांगी गई है।
  • पता करें कि क्या जानकारी पहले से उपलब्ध है।
  • आरटीआई का उपयोग करने से पहले सभी संभावित साधनों को अच्छी तरह जांच ले। “जब आप गुस्से में हों तो कभी भी आरटीआई आवेदन का मसौदा तैयार न करें।”
  • सामान्यतः “जब आप गुस्से में, बदले की भावना या अच्छे मूड में न हों तो कभी भी आरटीआई आवेदन का मसौदा तैयार न करें। इन स्थितियों में आवेदनों के निरस्त होने की आशंका बढ़ जाती हैं।
नागेश किनी: एफओआई कार्यकर्ता

नागेश किनी ने मनीलाइफ़ पर एक लेख लिखा है, इसमें उन्होंने सुझाव दिए कि सबसे उपयुक्त प्रतिक्रिया और कुछ छोटी-छोटी बातों पर अस्वीकृति की संभावनाओं को कम कैसे किया जाए। यहां हम आपको उन्हीं टिप्स से जुड़ी कुछ बातें शेयर कर रहे हैं।

  1. आरटीआई एक्ट आपको 30 दिनों के भीतर मांगी गई सूचना प्राप्त करने का अधिकार देता है।
  2. ध्यान रखें, यह मूल जानकारी है जो कि मांगी जा रही है और किसी भी मामले में कैसे, क्यों और कौन जैसी बातों का जिक्र नहीं करें।
  3. इस अधिनियम के तहत केंद्रीय, राज्य और स्थानीय अधिकारियों, संसद और राज्य विधानसभाओं, न्यायपालिका, पुलिस, सुरक्षा बलों, सार्वजनिक उपक्रमों और निकायों के बारे में राज्य से जानकारी मांगी जा सकती है।
  4. आपके द्वारा मांगी जा रही जानकारी एक दम सटीक होनी चाहिए, इस पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता है। आपके सवाल इंग्लिश, हिंदी और स्थानीय भाषा में बेहद संक्षिप्त शब्दों में होने चाहिए। सवाल एक दम स्पष्ट हो, किसी भी प्रकार के अस्पष्ट सुझावों पर न जाएं।
  5. आरटीआई आवेदन किसी एक व्यक्ति या विभाग को टारगेट और परेशान करने के उद्देश्य नहीं किया जाना चाहिए।
  6. यह महत्वपूर्ण है कि प्राप्त सूचना केवल रखने के लिए नहीं है। इसका इस्तेमाल भी होना जरूरी है।
  7. आप रिकॉर्ड, दस्तावेज़, मेमो, मेल, सलाह, प्रेस विज्ञप्ति, परिपत्र, चित्र या किसी भी कंप्यूटर से उत्पन्न मामले, आदेश, लॉग बुक, अनुबंध, रिपोर्ट, कागजात, नमूने, मॉडल या इलेक्ट्रॉनिक डेटा से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  8. आरटीआई अधिनियम की धारा 4 के तहत, आप अपॉइंटमेंट लेकर किसी भी रिकॉर्ड, आधिकारिक दस्तावेजों का निरीक्षण करने और प्रतिलिपि शुल्क के भुगतान पर प्रतियां प्राप्त करने के लिए संबंधित कार्यालय जा सकते हैं।
  9. इस अधिनियम से आप किसी सरकारी निर्माण कार्य का निरीक्षण और उसका नमूना निर्माण स्थल से ले सकते हैं।
  10. आरटीआई अधिनियम की धारा 6 के तहत, एक सरल रूप दिया है, जिसे सादे कागज पर कॉपी किया जा सकता है और आवेदक द्वारा हस्ताक्षर करके प्रस्तुत किया जा सकता है।
  11. आवेदन की फीस नकद में या स्टॉम्प टिकट के रूप में भी अदा की जा सकती है।
  12. इसके साथ ही पोस्टल आर्डर भी आवेदन के साथ संबंधित विभाग में जमा किया जा सकता है।
बिमल खेमानी: आरटीआई कार्यकर्ता

RTI for Beginners: A Simple Format and Tips for Writing Good RTI Applications: बिमल खेमानी द्वारा दिए गए सुझाव एक नए आरटीआई कार्यकर्ता के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं।

  1. एक अच्छा आरटीआई आवेदन उबाऊ भी हो सकता है। जिसमें बिना तर्क के कुछ सूचनाएं मांगी जा सकती हैं।
  2. एक अच्छा आरटीआई आवेदन छोटा होना चाहिए, लेकिन उसमें कोई बचकानी बात नहीं होना चाहिए।
  3. अगर आपको बहुत सी जानकारी चाहिए तो इसके लिए आपको अलग-अलग आवेदन लगाना चाहिए।
  4. कम से कम और सिर्फ जरूरी  सूचनाएं मांगे और ज्यादा उत्साहित ना हो।
  5. आरटीआई आवेदन कोई अपराध मुकदमा जैसा नहीं है, इसलिए अपराध मुकदमे के रूप में ना ले।
  6. आप एक नागरिक हैं, जांच एजेंसी नहीं। आपको हर आरोप की पुष्टि नहीं करनी होगी,  शिकायत पहले करें, आरटीआई बाद में लगाएं।
  7. आप अपने आवेदन को देने में जल्दबाजी न करें, उसके पहले हर बिंदु की अच्छी तरह से जांच कर ले।

 

शैलेश गांधी: पूर्व भारतीय केंद्रीय सूचना आयुक्त

Four golden rules for writing effective RTI Applications: पूर्व भारतीय केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने आरटीआई आवेदन को लेकर चार अहम् नियम बताए हैं। शैलेश गांधी का मानना है कि RTI आवेदन करते समय हमें अपनी भावनाओं को उसमें समाहित नहीं करना चाहिए। हम वास्तविक रहें और हमारे आवेदन में किसी तरह का आक्रोश या बदले की भावना नहीं होना चाहिए। हमारे आवेदन का उद्देश्य अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों का एहसास दिलाना है। हम खुद भ्रष्टाचार और गलतियों को रोकने की कोशिश न करें,  भ्रष्ट अधिकारियों को सजा देना और गलतियां  को करने से रोकने का प्रयास खुद न करें। हमें केवल चाही गई जानकारी पर ही केंद्रित रहना चाहिए।  बिना किसी गुस्से या बदले की भावना के आरटीआई अधिनियम 2005 के बेहतर उपयोग पर ध्यान केंद्रित करें।

चार अहम नियम:

  1. विभिन्न विशिष्ट दस्तावेजों को इंगित करें।
  2. आईटीआई अधिनियम के सेक्शन 2 (एफ) और सेक्शन 4 (बी) के तहत जो दस्तावेज चाहिए उनका स्पष्ट रूप से उल्लेख करें।
  3. प्रश्न न पूछे, स्पष्टीकरण की मांग न करें और आरोप न लगाएं।
  4. अस्पष्ट अभिव्यक्तियों और अनुरोधों से बचें, जैसे: मेरी शिकायत की स्थिति क्या है? मेरी शिकायत पर आगे क्या कार्रवाई की गई है?
श्यामलाल यादव: पत्रकार

श्यामलाल यादव जो अभी तक 6000 से अधिक आरटीआई आवेदन लगा चुके हैं। उन्होंने इस संबंध में कुछ उपयोगी सुझाव दिए हैं, उनका  जिक्र उन्होंने 2017 की अपनी पुस्तक Journalism through RTI ‘आरटीआई के माध्यम से पत्रकारिता’ में किया है। 20 पाइंट में उनके सुझावों को बताया जा रहा है।

  1. विचार को संकल्पित करें।
  2. जो भी आपके पास सूचना उपलब्ध उसी के आधार पर आरटीआई आवेदन करें।
  3. प्रश्न ना करें, सूचना मांगें।
  4. प्रारूप में सरल और स्पष्ट रहें और खामियों से अवगत रहें।
  5. अधिकार का प्रयोग करने से पहले यह जान ले कि क्या पूछने योग्य नहीं है।
  6. एक ही जानकारी अलग-अलग संबंधित विभागों से भी मांगी जा सकती है।
  7. कितने समय में सूचना की जानकारी मिलेगी, यह हमें स्पष्ट होना चाहिए।
  8. अपने लक्ष्य बदलते रहें।
  9. पत्रकार को पहचान बताने की आवश्यकता नहीं है।
  10. किसी भी प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहें।
  11. याद रखें, नहीं का मतलब हमेशा, नहीं, नहीं होता है।
  12. समय बर्बाद न करें, ऑनलाइन या डाक से फाइल करें।
  13. धैर्य से लगातार प्रयास जारी रखें।
  14. सूचना पर अतिरिक्त कार्य करें।
  15. आरटीआई अधिकारियों के प्रति संवेदनशीलता रखें।
  16. सूचना आयुक्तों की मदद लें।
  17. दस्तावेजों का निरीक्षण करें
  18. समूह की जानकारियां।
  19. राज्यस्तरीय जानकारियां।
  20. फॉलो अप, लगातार प्रयास जारी रखें।

Getting Stories Through FoI Laws  श्यामलाल  यादव की IJAsia18 में दी गई प्रस्तुति थी।

यूरोप

यूरोपीय विशेषज्ञ: The Data Journalism Handbook

आरटीआई को लेकर यूरोप में भी प्रयास किए गए हैं। इस बारे में पत्रकार हेलेन डर्बीशर (एक्सेस इंफो यूरोप) ने डेटा जर्नलिज्म से संबंधित एक किताब भी लिखी है। इसमें जिन बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित किया गया है, वह इस प्रकार से हैं।

  • समय बचाने के लिए आगे की योजना बनाएं।
  • फीस के बारे में नियम देखें।
  • अपने अधिकारों को समझे।
  • इसे सरल रखें।
  • खास बिंदु पर केंद्रित रखें।
  • सूचना मांगने के पहले अच्छी तरह विचार करें
  • स्पष्ट रहें।
  • विभिन्न विषयों पर विभिन्न आवेदन दें।
  • अंतरराष्ट्रीय सूचनाएं भी मांग सकते हैं
  • एक परीक्षण चलाएं।
  • अपवादों को पहचानें।
  • फ़ाइलों तक पहुँच के लिए पूछें।
  • जानकारी का रिकॉर्ड रखें।
  • जानकारी के सार्वजनिक करें
  • अन्य सहयोगियों से जानकारी साझा करें
  • कच्चे डेटा के लिए पूछें।
  • एफओआई कानूनों से छूट प्राप्त संगठनों के बारे में पूछें।
यूरोपीय गैर सरकारी संगठन: पूर्वी यूरोप पर रिपोर्टिंग के लिए एक्सेस इंफो यूरोप और नेटवर्क

A Guide For Journalists On How To Access Government Information: यूरोप में सरकारी सूचनाएं प्राप्त करने के लिए पत्रकारों को जरूरी मार्गदर्शन, पूर्वी यूरोप पर रिपोर्टिंग के लिए नेटवर्क द्वारा तैयार Legal Leaks Toolkit का एक हिस्सा है।

  • समय बचाने के लिए आगे की योजना बनाएं
  • सरल भाषाओं में सूचनाएं मांगें
  • अलग-अलग जानकारियां मांगें
  • सूचना के अपने अधिकार का उल्लेख करें।
  • उन्हें बताएं कि आप एक पत्रकार हैं।
  • और चाहे तो उन्हें ना बताएं कि आप पत्रकार हैं।
  • सामान्य रूप से अपनी जानकारी मांगें।
  • अपवादों को पहचानें।
  • फीस के बारे में नियम देखें।
  • फोटोकॉपी के खर्च से बचने के लिए इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज मांगे।
  • फाइल मांगें।
  • विवरण संग्रहित रखें।
  • इस तरह से जानकारी मांगे कि वह जल्द से उपलब्ध हो सके।
  • अगर कोई जानकारी नहीं मिलती तो अपील की तैयारी रखें।
  • खंडन को लेकर अपना विवरण प्रकाशित करें।
  • जनहित को लेकर अपील दायर करें।
  • अपील के लिए मानक निर्धारित करें।
  • समस्याओं को दूर करने में विभागीय प्रवक्ताओं की मदद लें।
  • जानकारी प्राप्त करने में अपने सहयोगियों की भी मदद लें।
  • अंतर्राष्ट्रीय अनुरोध सबमिट करें।
फ्लोरिन बैडिटा: रोमानिया में सबसे बड़े नागरिक समुदाय के एक्टिविस्ट और सिविक प्लेटफार्म भ्रष्टाचार के संस्थापक

How to use Freedom of information law (FOI law) as a anti-corruption tool in any country. बैडिटा ने करीब 3000 कार्यालयों में 7000 से अधिक एफओआई आवेदन दायर किए हैं। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए उन्होंने एक हथियार करने के रूप में एफओआई का उपयोग किया।

मैट बर्गेस: यूनाइटेड किंगडम एफओआई ब्लॉगर

पत्रकारों को स्वतंत्र रूप से जानकारी मिल सके, इसके लिए यूके के ब्लॉगर एवं स्वतंत्र पत्रकार मैट बर्गेस ने एक किताब FOIA Directory भी लिखी है। उनकी Tips for Making a FOI Request के मुख्य बिंदु कुछ इस तरह से हैं।

  • जानकारी मांगें।
  • किस नियम के तहत जानकारी मांग रहे हैं उसका उल्लेख करें।
  • शोध करें।
  • अस्पष्ट ना रहें ।
  • चेतावनी पत्र भी दें।
हेलेन डार्बिशायर: एक्सेस इंफो यूरोप

सूचना के अधिकार के लिए मशहूर अखबार गार्जियन के पत्रकार हेलेन डार्बिशायर ने भी 10 महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।

  1. मांगी गई जानकारी पहले से ही सार्वजनिक हो सकती है।
  2. जानकारी मांगते समय पक्षपाती ना रहें।
  3. अपने अधिकारों और कानून के बारे में सजग रहें।
  4. अपने अनुरोधों का रिकॉर्ड रखें और चेतावनी भी दें।
  5. अपने अनुरोध को जनता के बीच ले जाए।
  6. बाद में सोचें।
  7. उत्तर के लिए तैयार रहें।
  8. अपवाद छोड़िए।
  9. अपील करें।
  10. अगर सूचना नहीं मिलती तो सार्वजनिक करें।
पॉल गिबन्स: यूनाइटेड किंगडम एफओआई ब्लॉगर

Ten Top Tips: यूके के ब्लॉगर पॉल गिबन्स ने FOI Man Blog में से सूचना के अधिकार पर कुछ महत्वपूर्ण बिंदु सुझाए हैं।

  1. आवेदन देने से पहले धैर्यपूर्ण उस पर विचार करें।
  2. अपना शोध करें।
  3. सूचना मांगते समय सजग रहें।
  4. यदि संभव हो तो पहले अनौपचारिक रूप से जानकारी मांगे।
  5. सबसे अलग जानकारी मांगने की कोशिश करें।
  6. लालची ना रहें ।
  7. विनम्र रहे और धैर्य रखें।
  8. उत्तर का निरीक्षण करें और जरूरी हो तो अपील करें।
  9. प्राप्त जानकारी का जिम्मेदारी से उपयोग करें।
Loi Transparenc .ch: स्विस एफओआई एसोसिएशन

राष्ट्रीय पारदर्शिता कानून को प्रभावी बनाने के लिए स्विस प्रकाशकों के संघ ने ‘टिप्स एंड ट्रिक्स’ के नाम से जर्मन और फ्रेंच भाषा में एक सूची जारी की है। जिसके अंश इस प्रकार हैं:

  1. सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी एक दस्तावेज होता है।
  2. दस्तावेजों की कानूनी वैधता होती है।
  3. औपचारिक अनुरोध करने से पहले, पूछें कि क्या दस्तावेज मौजूद हैं और क्या आपके पास हो सकते हैं।
  4. अनुरोध के लिए जरूरी दस्तावेज मांगें।
  5. ठोस प्रमाण के आधार पर जानकारी मांगें।
  6. कई स्रोतों का उपयोग करें
  7. जानकारी पर निशानों का महत्व समझें।
  8. लगातार प्रयास जारी रखें।
  9. कानूनों का अवलोकन करें।
  10. डेटा संग्रह के बारे में और ई-मेल या पावरपॉइंट के बारें जानकारी मांगें।
  11. ऐसी जानकारी मांगे की सभी जानकारियां और दस्तावेज एक ही फाइल में आ जाए।
  12. यदि निर्धारित समय में जानकारी नहीं मिलती तो आप मित्रमत अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं।
  13. पता लगाएं की दूसरे लोगों ने क्या जानकारी मांगी है।
  14. विचार-विमर्श करें।
  15. हर विषय पर संसदीय और कार्य समूह उपलब्ध हैं, जरूरत पड़ने पर इनका उपयोग किया जाना चाहिए।
  16. बार-बार अनुरोध करें।
  17. ईमेल के जरिए भी जानकारी मांगे।
  18. पारदर्शिता के लिए खड़े रहें; यदि आवश्यक हो तो अपील करें।
  19. कानूनी सलाह पर आधार पर जानकारी मांगे।

लैटिन अमेरिका

एलेजांद्रा ज़ानिक वॉन बर्टब: मैक्सिकन पत्रकार

पुलित्ज़र सम्मान से सम्मानित मैक्सिको के पत्रकार एलेजांद्रा ज़ानिक वॉन बर्टब ने भी सूचना के अधिकार को लेकर जरूरी सुझाव दिए।

  • जानकारी के लिए वैकल्पिक प्रयासों को लेकर शोध करें।
  • कारगर उपायों को लेकर अध्ययन करें।
  • सावधानी पूर्वक जानकारी मांगें।
  • वो चाही गई जानकारी को किस तौर पर ले रहे हैं।
  • जरूरीहो तो बातचीत करें।
  • पीछे हटने के लिए भी तैयार रहें।
  • एक पत्रकार के रूप में अपने आप को प्रस्तुत न करें।
  • जानकारी न मिलने के पीछे, अनेक कारण हो सकते हैं, इसे षड्यंत्र के रूप में देखा जाना उचित नहीं है।

संयुक्त राज्य अमेरिका

जेसन लियोपोल्ड: पत्रकार

अमेरिकन पत्रकार जेसन लियोपोल्ड ने भी सूचना के अधिकार को लेकर इतनी जानकारी मांगी की उनके नाम से अमेरिका में भय व्याप्त हो गया था, उन्होंने कुछ सूत्र बताए हैं, जो इस प्रकार से हैं…।

  • एक बार में ही, सब जानकारियां न मांगे।
  • मांगी गई जानकारी के हर पहलू पर गंभीरता से विचार करें।
  • अपील करें।
  • एक के बाद एक जानकारी मांगें।
  • हर आवेदन और हर दस्तावेज को गंभीरता से पढ़ें।
  • अगर सभी प्रयास असफल हो जाएं, तब मुकदमा दायर करें।

सैन एंटोनियो एक्सप्रेस-न्यूज़ के खोजी रिपोर्टर जॉन टेडेस्को ने भी एक लेख में लियोपोल्ड के विचारों को समझाया है-

अमेरिकी सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं की सलाह

कोलंबिया जर्नलिज्म की एक किताब में भी अमेरिकी सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं ने एक लेख के माध्यम से सलाह दी है कि हमेशा अपील के लिए तैयार रहें।

अगर दस्तावेज झूठा है तो उसकी जानकारी फोन, प्रेस, अपील सहित अन्य तरीकों से करें। एक अच्छे सूचना के अधिकार कार्यकर्ता के लिए कोलंबिया के पत्रकारों ने 33,000 आरटीआई का अध्ययन कर एक लेख प्रकाशित किया है। Five Lessons इसमें विभिन्न कार्यकर्ताओं के अनुभव एवं विचारों का साझा किया गया है।

Using FOIA and public databases to track down Department of Defense contracts मकराक ने 2018 में रक्षा सौदों से संबंधित जानकारी के लिए डेटाबेस और सूचना के अधिकार का उपयोग किया।

गोकर के संपादक जॉन कुक ने एफओआई दायर करने वाले कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि वे आवदेन में लचीलापन रखें, सब कुछ प्रकाशित करें और धैर्य रखें।

GIJN द्वारा सूचना के अधिकार पर एक ग्लोबल गाइड भी जारी की गई है, जिसकी पूरी श्रृंखला यहां मौजूद है।

  • Introduction: प्रस्तावना
  • Tips and Tricks: टिप्स एंड ट्रिक्सः  उपलब्ध कानूनों का उपयोग करने के बारे में सबसे अच्छी सुझावों का एक संग्रह।
  • Inspirational FOI: प्रेरणादायक एफओआई: एफओआई का उपयोग करने में सक्रिय पत्रकारों के बारे में कहानियां और क्या पूछना है के बारे में मार्गदर्शन।
  • Global Resources:  ग्लोबल रिसोर्सेस: अलग-अलग देशों के अनुसार मार्गदर्शन और राष्ट्रीय संसाधनों के लिंक।

इस गाइड को GIJN के संसाधन केंद्र के निदेशक टोबी मैकिन्टोश और वॉशिंगटन डीसी में स्थित एक गैर-लाभकारी वेबसाइट FreedomInfo.org,के संपादक द्वारा तैयार किया गया। उन्होंने 39 साल तक ब्लूमबर्ग बीएनए के साथ काम किया और उन्होंने कई अमेरिकी एफओआई आवेदन दायर किए हैं और दुनिया भर में एफओआई नीतियों के बारे में लिखा है।

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