कई दिनों की मेहनत और एक बेहतर रिपोर्ट के सभी आवश्यक पहलुओं को कवर करने के बाद भी अगर किसी खबर को अपेक्षित प्रतिसाद नहीं मिले तो किसी भी पत्रकार का हताश होना स्वाभाविक है। ऐसे में विचार यही आता है कि आखिर और किन बिंदुओं पर फोकस किया जाए, जिससे खबर ज्यादा से ज्यादा पाठकों तक पहुंचे और उसका बड़ा प्रभाव भी दिखाई दे?
ऐसा ही मंथन दक्षिण अफ्रीका के डेली मैवरिक के पत्रकारों ने वर्ष 2019 में किया था, जब उन्हें एक बड़े भ्रष्टाचार के मामले का पता चला। डेली मैवरिक के पत्रकारों ने फैसला किया कि वे अपनी इस खबर को सिर्फ 24 घंटे का समाचार बनकर खत्म नहीं होने देंगे।
मुख्य खबर यह थी कि दक्षिण अफ्रीका की तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता ने एक एक सामुदायिक बैंक से लूटे गए धन से ऐश-ओ-आराम की चीजें खरीदी थीं। भ्रष्टाचार की यह खबर समाचार के तात्कालिक सुर्खियां तो बन सकती थी लेकिन इससे नए पाठकों को जोड़ना और बड़ी संख्या में पेज व्यूज लाना मुश्किल था। डेली मैवरिक के सीईओ स्टायली चारलांबुस के अनुसार, इस खबर को केंद्र में रखते हुए लगभग एक माह तक सम्बंधित खबरें चलाई गईं। नतीजा यह रहा कि एक माह में पेज व्यूज में जबर्दस्त इजाफा हुआ और बड़ी संख्या ने नए पाठक भी जुड़े।
ऑडियंस इंगेजमेंट पर आयोजित एक वेबिनार में GIJN और मीडिया डेवलपमेंट इनवेस्टमेंट फंड, चारलांबुस, डिजिटल मीडिया सलाहकार यास्मीन नामिनी और GIJN डिजिटल आउटरीच के निदेशक रोसालिन वारेन ने इसी तर्ज़ पर ज्यादा से ज्यादा पाठकों तक पहुंचने और उन्हें खबर के साथ जोड़ने को लेकर उपयोगी सुझाव दिए।
आजकल खोजी पत्रकारिकता के तहत किसी ख़ास खबर पर कई दिनों, महीनों और कई बार तो सालों तक काम किया जाता है। फिर भी वह खबर व्यापक प्रचार पाने और प्रभाव डालने में असमर्थ रहती हैं तो यह बेहद निराशाजनक होता है। एटलांटिक के सीनियर शोधकर्ता और मॉडरेटर एमिली गोल्ग्स्की का भी ऐसा ही कहना है।
नॉमिनी ने इस हताशा का का एक बेहद दिलचस्प भी सुझाया है। नॉमिनी ने यहाँ जोनाथन पेरेलमैन की उस स्वयंसिद्ध सत्य बात को कोट किया जिसमे कहा गया है कि ”कंटेंट राजा है, लेकिन डिस्ट्रिब्यूशन रानी है और वह पैंट पहनती है।”
द न्यू यॉर्क टाइम्स के डिजिटल उपभोक्ता राजस्व व्यवसाय के वास्तुकार, नामिनी का कहना है कि पत्रकार पाठकों को सोशल साइट और अखबार की साइट पर लौट कर लाने के भरसक प्रयास करते हैं, परंतु उन्हें कई बार सफलता नहीं मिलती।
नामिनी का कहना है कि पाठकों को अपनी खबरों की तरफ कैसे ज्यादा से ज्यादा आकर्षित किया जाए। इस पर विचार किया जाना चाहिए। लोग खबरों को केवल समाचार के रूप में ना लें, बल्कि वह इन खबरों के अंशों को अपने संग्रह का हिस्सा भी बनाए, बल्कि कि ऐसा कुछ किया जाना चाहिए कि वह इन खबरों को अपने संग्रह का हिस्सा भी बना लें। केवल न्यूज लेटर का प्रकाशन ही सबकुछ नहीं होता, वह आपके पाठके पर कितना प्रभाव डाल रहा है, यह बहुत महत्वपूर्ण है।
आपकी भूमिका जो भी हो, आपको सदेव यह ध्यान रखना चाहिए कि आप अपने दर्शक और पाठकों को कैसे सर्वाधिक आकर्षित कर सकते हैं और अपने से जोड़कर रख सकते हैं। उनमें सदेव यह लालसा बनी रहे कि वह एक खबर के बाद कब कोई दूसरी अच्छी खबर इस साइट पर पड़े। साइट के लिए काम करने वाले तकनीकि कर्मचारियों का भी यह दायित्व है कि मोबाइल, कम्पयूटर या लेपटॉप पर देखने या पढ़ने वाले लोगों को किसी तरीके की किसी तकनीकि समस्या से ना जूझना पड़े।
नामिनी के अन्य टिप्स इस प्रकार से हैंः
- अपने दर्शकों की व्यस्तता को मापेंः नामिनी का कहना है कि आप यह देखें कि आपकी साइट पर दर्शक, पाठक या स्रोता कितनी देर रुकता है। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके लिए आप खबर के आकार, नयापन या किसी चीज की पुनर्वर्ती तो नहीं हो रही इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।
- अपने न्यूज़लेटर को सटीक बनाएंः द न्यू यॉर्कर और बज़फीड के समाचार पत्र के पूर्व निदेशक डैन ओशिन्स्की द्वारा “नॉट ए न्यूज़लेटर” गाइड के मुताबिक आप अपनी न्यूज़लेटर साइट और डिज़ाइन में सुधार करें। नामिनी कहती हैं कि न्यूज़लेटरगाइड.ऑर्ग एक बेहतरीन साइट है, जहां से आप न्यूज़लेटर को कैसे आकर्षित बनाया जाए, यह जानकारी हासिल कर सकते हैं।
- प्लस-वन रणनीति के सूत्रः प्लस-वन रणनीति के तहत न्यूजलेटर में ब्रेकिंग न्यूज देने, पुराने संदर्भ का उल्लेख करने के साथ-साथ पाठकों की प्रतिक्रियाओं का भी कैसे समावेश किया जाए, इस पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
- अपनी ईमेल सूची शेयर न करेंः किसी तीसरे व्यक्ति से अपने न्यूज़लेटर ईमेल सूचियां को शेयर ना करें, क्योंकि इससे विश्वासघात होने का डर रहता है। नामिनी कहती हैं कि न्यूजलेटर के लिए अगर हमें कहीं से कोई जानकारी मिलती है तो हम उसका उपयोग अपनी खबर के अलावा अन्य किसी रूप में नहीं करेंगे।
- प्रयोगः बेहतर रणनीति के लिए विचारों और विकल्पों का परीक्षण करें। “जब आपको लगता है कि किसी चीज के बारे में सोचा या जाना जा सकता है जो रणनीति में सुधार कर सकती है, तो इसके बारे में एक परिकल्पना के रूप में सोचें और इसे इस प्रारूप में रखें: क्योंकि हमने A को देखा, B को बदलने से C का कारण बनेगा। हम D प्रभाव की उम्मीद करते हैं,” वह कहती हैंकि इस बात का ध्यान रखें कि किस तरह की हेडलाइन लोगों को ज्यादा आकर्षित करती है। अगर आपको अपनी साइट के नए सदस्य बनाना है तो इस बात का ध्यान रखें कि उस का सरलतम तरीका क्या हो सकता है।
- फ्री टूल का उपयोग करें:
चारलांबुस के मुताबिक, डेली मैवरिक की भ्रष्टाचार पर की गई स्टोरी ने एक महीने में संस्थान के पाठकों की संख्या में बढ़ोत्तरी के लिहाज से बेहतरीन साबित हुई और सब्सक्राइबर्स और रीडर्स को मेंबर में बनाने में कामयाब रही।
वह कहते हैं कि हमने जो कुछ भी अलग किया, उसकी हमने योजना बनाने में पूरा समय लिया, जल्दबाजी नहीं की। योजना बनाई गई कि हम इस काम को कैसे बेहतर कर सकते हैं और यह भी तैयारी की गई कि इस आर्टिकल की मार्केटिंग कैसे करनी है, ताकि बात ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके। ऐसा हुआ भी और यह सिर्फ एक दिन का समाचार में बनकर नहीं रह गई क्योंकि हम अतीत में ऐसा देख चुके थे।
चारलांबुस कहते हैं कि इस तरह खबरों के प्रभाव को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में डेली मावरिक की श्रृंखला की शुरुआत काफी अच्छी रही, जिससे सच्चाई और जवाबदेही दोनों बेहतर रूप से परिभाषित हो सकी। ये अतिरिक्त लक्ष्य नए दर्शकों के साथ ब्रांड जागरूकता पैदा करने, सदस्यता बढ़ाने, दर्शकों तक पहुंच बढ़ाने और कहानी को ढंग से पेश करने में बहुत उपयोगी साबित हुआ।
इस सफलता में डेली मैवरिक की खबरों की बेहतर मार्केटिंग करने की रणनीतियां भी शामिल हैं:
- सभी सदस्यों को पहले स्टोरी भेजें: डेली मैवरिक की संपादकीय टीम सबसे पहले सभी सदस्यों (Subscribers) को खबर भेजती थी। यह एक एलर्ट होता है, जिसे Scorpio स्कूप कहते हैं, जो खबर को ऑनलाइन पब्लिश करने से थोड़ी देर पहले भेजा जाता है। इससे स्टोरी को अतिरिक्त buzz (चर्चा ) मिलती है। वह कहते हैं, इससे दूसरे पत्रकार और मीडिया हाउस भी एलर्ट हो जाते हैं और फिर वे भी ऐसी ही खबरों पर काम करने लगते हैं। हालांकि, पाठक को यह पता होता है कि यह खबर सबसे पहले किसने ब्रेक या पब्लिश की है।
- लक्ष्य हमेशा मीडिया की मुख्यधारा में रहने वाला होना चाहिए: न्यूजरूम को लक्ष्य निर्धारित करते हुए पीआर अभियान चलाना चाहिए। रिपोर्टर की मदद के लिए रेडियो और टीवी इंटरव्यू की व्यवस्था की जानी चाहिए।
- स्टोरी को ट्विटर पर शेयर करेंः चारलांबुस कहते हैं कि इसका एक अच्छा उदाहरण है कि ProPublica ने अपनी सभी इंवेस्टिंग स्टोरी को ट्वीटर पर और अन्य चैनल पर शेयर किया। जो जल्द री ट्रेंड करने लगा।
- सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (SEO) और सोशल मीडिया का उपयोग करेंः स्टोरी की हेडलाइन को एसईओ की मदद से सोशल मीडिया में सुर्खियां बनाया गया। वह कहते हैं कि किसी भी स्टोरी को सर्च में लाने के लिए यह सबसे अच्छा तरीका है। अधिकांश लोग Yoast का उपयोग करते हैं।
- स्टोरी का फॉलोअप: टीम ने लगभग 11 फॉलोअप स्टोरी पर काम किया और फिर पूरे एक महीने एक-एक करके उन्हें पब्लिश किया। ताकि भ्रष्टाचार का मुद्दा दब ना जाए।
- Google Earth Studio का उपयोग करेंः यह सेवा सेटेलाइट इमेजरी के एनीमेशन की अनुमति देती है। यह हमारा गूगल अर्थ स्टूडियो का उपयोग करने का पहला अनुभव था और इससे बाकई में बहुत फायदा हुआ।
एक विश्लेषण में टीम ने पाया कि जांच से जुड़ी दर्जनों कहानियों ने साइट के तीनों तरह के पाठक वर्ग के () ट्रैफ़िक को महीने भर तक बांध कर रखा। विशेष रूप से “सबसे अधिक व्यस्त” समूह के बीच, ऐसे पाठकों ने 16 में से 12 खबरें पढ़ी और इस वजह से साइट पर सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली ये खबरें रही। इसके पहले यह सब एक दैनिक ऑनलाइन समाचार पत्र में होता आया है, जिसमें नियमित समाचार, सुविधाएं, राय और खेल की खबरें शामिल होती हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर खबरों की शेयरिंग को लेकर GIJN की रॉसलिन वारेन ने मार्च महीने में सबसे ज्यादा दर्शकों के द्वारा सोशल मीडिया के सबसे ज्यादा इस्तेमाल पर एक टिप्सशीट की ओर इशारा किया है। फिर भी रॉसलिन वारेन ने ऐसे मीडिया संगठनों को एक विशेष चेतावनी दी, जो हर नए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खबरें शेयर करना शुरू कर देते हैं।
वारेन का कहना है कि बहुत सारे सोशल मीडिया प्लेटफार्म हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आप सभी का उपयोग करने लगे। हर प्लेटफार्म पर होना जरूरी नहीं है। पहले यह पहचाने की वर्ल्ड में आपके संस्थान की स्थिति क्या है। अपने पाठकों को पहचाने कि वह दुनिया के किस हिस्से से हैं। इसके हिसाब से सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करें।
वह कहती हैं कि, इंटरनेट पर हल-चल पैदा करने और सच्चाई के साथ बेहतर कंटेंट पहुंचाने के लिए न्यूजरूम में बैठे लोगों को दर्शकों तक पहुंचने और उनसे जुड़ने के तरीकों को सक्रिय रूप से खोजने की आवश्यकता है। न्यूजरूम में बैठे संपादक और प्रबंधकों को ध्यान से और रचनात्मक रूप से सोचने की जरूरत है। खबर की हैडलाइन, थंबनेल व तस्वीरों पर विशेष ध्यान रखना चाहिए और अपने कंटेंट को सोशल मीडिया पर शेयर करते रहना चाहिए।
वॉरेन ने मीडिया हाउस को चेतावनी देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर खबरें शेयर करते वक्त हेडलाइन के रिपीट होने से बचाना चाहिए। इससे स्थान की बर्बादी होती है। इससे अच्छा है कि आप खबर से जुड़ी कुछ और बाते शेयर करें।
वॉरेन कहती हैं कि उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली अन्तरक्रियाशीलता के संदर्भ में प्लेटफार्मों के बारे में सोचना उपयोगी है: एक-तरफ़ा संचार, जैसे समाचार पत्र या व्हाट्सएप प्रसारण; दर्शकों की टिप्पणियों के साथ एक-तरफ़ा बातचीत मंच, जैसे कि YouTube; या इंस्टाग्राम लाइव जैसे दो-तरफ़ा वार्तालाप सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म, जिसे जल्दी से प्रतिक्रिया देने के लिए स्टाफ सदस्य की आवश्यकता होती है।
वॉरेन का मानना है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के बारे में वास्तव में सोचने की जरूरत है कि वह क्या कर सकते हैं, बजाय इसके कि उन्हें क्यों जाना जाता है । वह कहती हैं कि खबरें शेयर करने के लिए ट्वीटर सबसे अच्छा माध्यम है, इसका यह मतलब नहीं है कि आप ट्वीटर पर अपनी पूरी कहानी ही शेयर कर दें।
उदाहरण के लिए, सिर्फ इसलिए कि इंस्टाग्राम एक विजुअल वीडियो मंच है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप इसे ऑडियो के लिए उपयोग नहीं कर सकते – वास्तव में, यह ऑडियो क्लिप के लिए वास्तव में बहुत प्रभावी है। संक्षेप में: आप यह कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका काम लोगों को अतीत की ओर खींचता है? हम हमेशा मजाक करते हैं कि लोग सिर्फ हेडलाइंस पढ़ते हैं – ठीक है, कभी-कभी ऐसा होता है और हेडलाइन्स इस तरह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है कि लोग आधुनिक युग में सूचना का उपभोग कैसे करते हैं। ”
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रोवन फिलिप जीआईजेएन के रिपोर्टर हैं। रोवन पूर्व में दक्षिण अफ्रीका के संडे टाइम्स के मुख्य संवाददाता थे। वह एक विदेशी संवाददाता के रूप में काम कर रहे थे, जहां उन्होंने दुनिया भर के दो दर्जन से अधिक देशों से राजनीति, भ्रष्टाचार और संघर्ष की खबरें रिपोर्ट की हैं ।
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