कोविड-19 वैक्सीन अनुबंधों की पड़ताल कैसे करें

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भारत में अचानक से जिस तरह कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर आई है उसके पीछे अन्य कारणों के अलावा टीकाकरण की धीमी गति भी है। वैक्सीन को लेकर जिस तरह से नीतियाँ बनाई गईं उससे भी काफ़ी हद तक टीकाकरण की गति पर फ़र्क़ पड़ा है। वैक्सीन का पहले निर्यात और फिर आनन फ़ानन में विदेशी कम्पनियों को आपात इस्तेमाल की मंज़ूरी ने इस विषय को चर्चा में ला दिया है ।

कोविड-19 वैक्सीन के निर्माण और वितरण पर रिपोर्टिंग बहुत जटिल काम है। जटिलता का कारण इसका विषय नहीं है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तरों पर सरकारों द्वारा बरती जाने वाली  गोपनीयता है। विभिन्न सरकारों से लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड -19 वैक्सीन खरीदने के अनुबंधों को पूरी तरह या आंशिक रूप से गुप्त रखा है।

इन चुनौतियों के बावजूद, पत्रकार लगातार कोविड-19 वैक्सीन से जुड़ी अनुबंध की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं और इस पर रिपोर्टिंग भी जारी है। रिपोर्टिंग में प्रति खुराक से लेकर कीमत तक का उल्लेख किया जा रहा है। इतना ही नहीं, लाइसेंसिंग और कानूनी दायित्वों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी लिख रहे हैं।

दुनिया भर की बड़ी दवा कंपनियों ने कोविड-19 के वैक्सीन निर्माण पर अरबों डॉलर का निवेश किया है और इससे उन्हें काफी मुनाफ़ा मिलने की उम्मीद है। 2 फरवरी को, रॉयटर्स ने बताया कि फाइजर कंपनी को उम्मीद है कि अकेले 2021 में 15 बिलियन डॉलर मूल्य की वैक्सीन बेची जाएगी। जीआईजेएन ने इस लेख में जानकारी के कई ऐसे स्रोतों का उल्लेख किया है, जो पत्रकारों के लिए काफी मददगार साबित हो सकते हैं। पत्रकारों को यह जानने में मदद मिलेगी की यह पैसा कहां जा रहा है।

कोविड-19 पर पर्दे के पीछे की जानकारी

कोविड-19 वैक्सीन खरीद समझौते की रिपोर्टिंग के दौरान ध्यान रखें कि टीकों के वितरण में भ्रष्टाचार की संभावना कितनी हैं और किसी विशेष टीके की तरफदारी ज्यादा तो नहीं हो रही है। GIJN ने कोविड-19 की वैक्सीन पर खर्चें का जिक्र 2020 की शुरुआत में ही अपनी रिपोर्ट Researching Government Contracts for COVID-19 Spending (कोविड-19 पर खर्च के लिए सरकारी अनुबंध पर शोध) में किया था। इसमें उस बड़ी राशि के बारे में खुलासा किया गया है, जिसे सरकारें और अंतर्राष्ट्रीय संगठन, अनुसंधान और भ्रष्टाचार के विभिन्न रूपों पर नजर रखने के तरीकों से निपटने के लिए खर्च कर रहे हैं।

इसकी रिपोर्टिंग में सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि वैक्सीन के अनुबंधों में पारदर्शिता की कमी है। अनुबंध की शर्तें इत्यादि  तो प्रकाशित की जाती हैं, लेकिन बुनियादी जानकारी अक्सर वहां नहीं दी जाती। उदाहरण के लिए, प्रत्येक टीके की कीमत, आपूर्ति की शर्तें, बौद्धिक संपदा – ऐसे सभी महत्वपूर्ण मामलों को गुप्त रखा जाता है।

वाशिंगटन डीसी, स्थित गैर-सरकारी संगठन, ओपन कॉन्ट्रैक्टिंग पार्टनरशिप (OCP) के अनुसार ये जानकारी का अभाव पड़ताल में समस्या पैदा करते हैं।

OCP ने 29 जनवरी को कहा, “जब अनुबंध और कीमतें नियमित रूप से सार्वजनिक नहीं की जातीं, तो कंपनियां शर्तों को अपने हिसाब से निर्धारित करने लगती हैं।” केवल एक स्वतंत्र और पारदर्शी प्रक्रिया प्रत्येक देश के लिए उचित सौदे की गारंटी दे सकती है।

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल हेल्थ इनिशिएटिव की नताली रोड्स ने 19 जनवरी को प्रकाशित एक लेख में कहा कि “पारदर्शिता सभी अनुबंधों का एक सामान्य हिस्सा होना चाहिए।”

अंतरराष्ट्रीय खरीदारी की सीमित जानकारी

कोविड -19 की वैक्सीन बनाने वाली COVAX की खरीद और आपूर्ति की वैश्विक प्रणाली में भी पारदर्शिता का अभाव है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और टीके पर काम करने वाले दो अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों, Gavi और Coalition for Epidemic Preparedness Innovations  ने साझा कंपनी COVAX बनाई है, जो दावा करती है कि “दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे विविध कोविड टीकों का संग्रह उनके पास है।”

COVAX 2021 तक 200 करोड़ टीके बनाने के लक्ष्य पर काम कर रही है। COVAX का कहना है कि “वैक्सीन  अब महामारी के अंत के लिए दुनिया में सबसे बड़ी उम्मीद है। लेकिन वे समझौते के बारे में कोई विवरण नहीं देना चाहते हैं। उनके अधिकारियों के अनुसार, इस जानकारी को गुप्त रखना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि इससे उनकी कंपनी को बेहतर सौदे करने का अवसर मिलता है । वे हर ख़रीदार से अलग अलग अनुबंध करते हैं जिसके कारण इसको ज़ाहिर नहीं किया जा सकता ।

COVAX और विभिन्न देशों की सरकारों द्वारा खरीदे गए टीकों की जानकारी के लिए सबसे अच्छा स्रोत कोविड -19 वैक्सीन मार्केट डैशबोर्ड (COVID-19 Vaccine Market Dashboard) है। इसे UNICEF ने बनाया है। यह डैशबोर्ड सार्वजनिक रूप से उपलब्ध समाचार रिपोर्टों पर आधारित है। इस डैशबोर्ड में सभी नई जानकारी मौजूद हैं और इसे कोई भी देश या वैक्सीन बनाने वाली कंपनी उपयोग कर सकती है। UNICEF की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड वैक्सीन को  2.19 से लेकर 44 डॉलर प्रति डोज की कीमत पर बेचा जा रहा है।

COVAX का लक्ष्य वैक्सीन की एक बिलियन खुराक खरीदना और इसे 90 से अधिक निम्न और मध्यम आय वाले उन देशों में वितरित करना है, जिन्हें विकसित देशों और विभिन्न संगठनों से अनुदान प्राप्त होता है।

The Economist की इंटेलिजेंस यूनिट के अंतर्गत कार्यरत  COVID-19 Health Funding Tracker  टीकों का निर्माण ट्रैक करता रहता है। अब तक कितने टीके बने यहां से जानकारी ली जा सकती है । इसी तरह Bloomberg भी  COVID-19 Deals Tracker चलाता है  ।

इसी तरह WHO’s ACT-Accelerator Commitment Tracker चलाता है। यह ट्रैकर, उस राशि का हिसाब रख रहा है, जो महामारी से निपटने के लिए स्थापित फंड  ACT-Accelerator में जमा की गई है। COVAX भी इस फंड का हिस्सा हैं।

न तो COVAX और न ही UNICEF ने अब तक किसी भी खरीद समझौते यानी अनुबंध के दस्तावेज़ों का खुलासा किया है। UNICEF के एक अधिकारी के मुताबिक- संगठन “आपूर्तिकर्ता की अनुमति के अधीन” समझौतों का “प्रासंगिक विवरण जारी करेगा”। UNICEF से जुड़े समझौते संगठन के डेटा को सार्वजनिक कर सकते  हैं, इसलिए नीतिगत तौर पर इसका खुलासा नहीं किया जाता।

दवा कंपनियों और सरकारों के बीच खरीद अनुबंध

सूचना के अधिकार से संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ में दवा कंपनियों और सरकार के बीच खरीद अनुबंधों से जुड़ी कुछ जानकारियां सामने आईं हैं। इसमें पाया गया कि ये अनुबंध कई बार संशोधित भी हुए हैं।

यूरोपीय संघ में, टीकों की कीमत के बारे में कुछ प्रारंभिक जानकारी लीक होने की बात सामने आई। बेल्जियम सरकार के एक मंत्री ने यूरोपीय कमीशन की वैक्सीन पर चल रही बातचीत को सार्वजनिक कर दिया था। हालांकि, बाद में उन्होंने ट्वीट को डिलीट कर दिया था।

Corporate Europe Observatory  (CEO) नाम के रिसर्च ग्रुप ने बड़ी संख्या में अपने सूचना के अधिकार  आवेदनों के खारिज होने के बाद शिकायत दर्ज कराई। जिस पर यूरोपीय संघ के लोकपाल ने मामले की त्वरित जांच की और यूरोपीय संसद (EU) के सदस्यों ने अनुबंधों में अधिक पारदर्शिता की आवाज बुलंद की। इसने बाद CureVac और AstraZeneca ने वैक्सीन खरीद के संशोधित अनुबंधों को प्रकाशित किया। लेकिन दोनों ही मामलों में डेटा को बड़े पैमाने पर हटा दिया गया है।

विभिन्न समाचार संस्थान इन खरीद अनुबंधों के विवरण की जांच कर रहे हैं। EURACTIV ने  CureVac contract के अनुबंध पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें लिखा गया था कि इस अनुबंध के “लगभग एक चौथाई” हिस्से को संशोधित किया गया था। Corporate Europe Observatory  (CEO) का विश्लेषण भी देखें। स्पेन के Civio ने AstraZeneca के  अनुबंध की जांच की है। Voxeurope ने कोविड वैक्सीन अनुबंधों की जांच की। उन्होंने लिखा कि विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड टीका सौदा में यूरोपीय संघ के हाथ बंधे हैं।

अनुबंध में क्या है?

हालांकि, प्रतिखुराक टीके की लागत सुर्खियां बन सकती है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन खरीद समझौते में कई और महत्वपूर्ण बातें हैं जिन पर नज़र होनी चाहिए।

कीमत के अलावा कुछ अन्य चीजें हैं जो भी अनुबंध में शामिल की जा सकती हैं। …

  • उत्पादकों के आर्थिक जोखिम को कम करना।
  • उत्पादकों की जिम्मेदारियों का विवरण।
  • क्या वैक्सीन खरीदने वाली पार्टी उन्हें दूसरे देश भेज सकती है।
  • वैक्सीन का आधिकारिक मालिक कौन है उसके बारे में बताना।
  • टीके बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानने का अधिकार किसे है।
  • सरकार द्वारा वित्त पोषित टीकों के मामले में यह उल्लेख किया जा सकता है, चाहे सरकार के पास बौद्धिक संपदा को बेचने का अधिकार हो या विशेष परिस्थितियों में, किसी तीसरे पक्ष को कीमत बढ़ाने का।
  • वैक्सीन के बारे में सरकार द्वारा ठेकेदार को आंकड़ों तक पहुंच प्राप्त है या नहीं, इसे कवर करें।
    टीका वितरण कार्यक्रम जारी करें।
  • अनुबंध की शर्ते पूरी नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात है या नहीं।
  • अनुबंध आदि की जानकारी को कौन नियंत्रित करेगा।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस संबंध में कई रिपोर्ट प्रकाशित की हैं। उनकी 28 जनवरी की रिपोर्ट का शीर्षक था: सरकारों द्वारा वैक्सीन समझौते पर गुप्त रूप से हस्ताक्षर किए गए: वे चीजें जो वे छिपा रहे हैंEye on Global Transparency में एक लेख छपा है: पारदर्शिता कॉविड -19 वैक्सीन खरीदने के अनुबंधों के लिए बहुत जरूरी हो गयी है

अमेरिका में वैक्सीन अनुबंधों में किए गए संशोधन

संयुक्त राज्य अमेरिका में जो कोविड वैक्सीन खरीद अनुबंध प्रकाशित किए गए हैं उनमें से कई महत्वपूर्ण जानकारियां  हटा दी गई गईं है। सितंबर 2020 में, NPR report में फार्मास्यूटिकल्स संवाददाता सिडनी ल्यूकिन ने यह मुद्दा उठाया गया था।

वाशिंगटन, डीसी स्थित एनजीओ Knowledge Ecology International ने मुख्य रूप से यूएस वैक्सीन अनुबंधों के बारे में काफी जानकारी एकत्र की है। इन टीकाकरण अनुबंधों को ट्रैक करने वाले, KEI’s contracts database  और US COVID-19 contract spreadsheet देखें।

दिलचस्प बात यह है कि अमेरिकी सरकार के साथ किए गए कुछ समझौतों की जानकारी Securities and Exchange Commission (EDGAR) की वेबसाइट पर उपलब्ध है ।

पिछले नवंबर में, जब Pfizer के साथ अनुबंध का संशोधित संस्करण जारी किया गया था, तो लूपकिन के विश्लेषण से पता चला कि समझौते में आमतौर पर संघीय अनुबंधों में पाए गए बौद्धिक संपदा के सरकारी अधिकार शामिल नहीं हैं। अनुबंध में सरकार के अधिकार के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। यद्यपि यह आमतौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के केंद्रीय समझौतों में उल्लेखित होता है। जनवरी में, उन्होंने एक अन्य रिपोर्ट में कहा: “Emergent BioSolutions नामक कंपनी के साथ समझौते में कुछ शर्तें हैं, इसमें कंपनी के कर्मचारियों और उनके परिवारों को टीकाकरण सूची में डालने की अनुमति देगा।”

इतनी सारी समस्याओं के बावजूद, पत्रकारों को अनुबंध से जुड़ी कई जानकारियां मिल रही हैं। यदि आपको वैक्सीन खरीद अनुबंध के बारे में कोई खबर है, तो इसे जीआईजेएन को भेजें

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टोबी मैकिनटोश जीआईजेएन संसाधन केंद्र के वरिष्ठ सलाहकार हैं। वह वाशिंगटन में ब्लूमबर्ग बीएनए के साथ 39 साल तक जुड़े रहे। वह फ्रीडमइन्फो डाॅट ओआरजी (2010-2017) के पूर्व संपादक हैं, जहां उन्होंने दुनिया भर में सूचना के अधिकार के बारे में लिखा है। उनका ब्लॉग eyeonglobaltransparency.net है।

 

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